Transmission
Line and Distribution Line Difference in Hindi
आज हम ट्रांसलेशन लाइन और डिस्ट्रीब्यूशन लाइन क्या होती है और
इनका क्या काम होता है यह जान लेंगे। इसी के साथ में हम Transmission
Line और Distribution
Line के
बीच के अंतर को भी जान लेंगे।
दोस्तों ट्रांसमिशन लाइन का बेसिक काम जेनरेटिंग स्टेशन
को सब्सटेशन के साथ साथ जोड़ना होता है। जैसे की आप मान लीजिए की एक पावर प्लांट है, जहां पर इलेक्ट्रिसिटी को जनरेट मतलब बनाया जा रहा है।
जैसा की हम सभी को पता है की पावर प्लांट में
इलेक्ट्रिसिटी को 11 KV वोल्टेज में
जनरेट किया जाता है। इसके बाद में हम पावर स्टेशन पॉइंट में इस वोल्टेज को
ट्रांसफार्मर की मदद से स्टेपअप कर देते है। अभी हम मान लेते है की इस 11000 वोल्टेज को हम 220 KV में स्टेपअप कर रहे है। वोल्टेज को जेनरेटिंग स्टेशन पर स्टेपअप करने के बाद अब
हम ट्रांसमिशन लाइन की मदद लेते है। यह ट्रांसमिशन लाइन इस स्टेपअप हो चुके
वोल्टेज को आगे सबस्टेशन तक पहुँचाती है।
दोस्तों यहाँ एक बात का धयान रखिये की अभी तक हमने कही
पर भी कस्टमर को इलेक्ट्रिकल सप्लाई देने की बात नहीं करी है। अभी तक हमने जेनरेट
की गयी सप्लाई को ट्रांसमिशन लाइन की मदद से सबस्टेशन तक ही पहुंचाया है।
What is
Distribution Line (डिस्ट्रीब्यूशन
लाइन क्या है?)
अब दोस्तों आगे हम डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की बात करे रहे
है। इस डिस्ट्रीब्यूशन लाइन लाइन का उपयोग हम इलेक्ट्रिकल सप्लाई को अलग अलग जगह
डिस्ट्रब्यूट करने के लिए लेते है।
मतलब- जैसे की आप किसी शहर में रहते है, अब पावर प्लांट में बनने वाली बिजली ट्रांसमिशन लाइन की
मदद से आपके पास के किसी सबस्टेशन में तो आ गयी है, लेकिन हमें बिजली की जरूरत तो हमारे घरो में इसके अलावा
कंपनी आदि में है। तो अब आगे इलेक्ट्रिकल सप्लाई को पहुंचाने का काम डिस्ट्रब्यूशन
लाइन का ही होता है।
सबस्टेशन में आये वोल्टेज को हम सबसे पहले जरूरत के अनुसार
स्टेपडाउन डाउन कर देते है। इसके बाद इस वोल्टेज को हम डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की मदद से कस्टमर के
पास पहुंचा देते है।
Transmission
Line and Distribution Line Difference
ट्रांसमिशन
लाइन और डिस्ट्रब्यूशन लाइन में अंतर
·
सबसे पहला अंतर
तो मैंने आपको बता दिया है की ट्रांसमिशन लाइन का उपयोग जेनरेटिंग इलेक्ट्रिकल
सप्लाई को सबस्टेशन के पास पहुंचाना होता है। जबकि Distribution Line का काम इलेक्ट्रिकल सप्लाई को सबस्टेशन से लेकर कस्टमर
तक पहुँचाना होता है।
·
ट्रांसमिशन
लाइन के वोल्टेज डिस्ट्रब्यूशन लाइन से काफी ज्यादा होते है। इस वोल्टेज ज्यादा
होने के पीछे का कारण पर हम हमारी अगली पोस्ट में जानेंगे।
·
ट्रांसमिशन
लाइन में हमेशा 3 wire सिस्टम का ही
उपयोग किया जाता है, मतलब इसमें न्यूट्रल को ट्रांसफर
नहीं किया जाता है। लेकिन अगर हम डिस्ट्रब्यूशन लाइन की बात करे तो इसमें ज्यादातर
4 वायर सिस्टम का ही उपयोग किया जाता है। इसमें हम तीनो फेज के साथ में
न्यूट्रल वायर को भी ट्रांसफर करते है।
·
इसके बाद एक अंतर
हम इंसुलेशन के ऊपर भी देख सकते है। क्युकी ट्रांसमिशन लाइन के वायर में इंसुलेशन
का उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन अगर हम
डिस्ट्रब्यूशन लाइन की बात करे तो इस वायर पर इंसुलेशन की कोटिंग की जाती है।